1. सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी परिसर में नियमों का उल्लंघन पाए जाने के बाद ट्विन टॉवर को ध्वस्त करने का निर्देश दिया है. इस बिल्डिंग को नोएडा प्राधिकरण की देखरेख में कंपनी अपने खर्च पर ध्वस्त करेगी.
2. जब सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसाइटी को पहली बार बनाने की मंजूरी मिली थी, तब यह योजना 14 टॉवर और 9 फ्लोर की थी. बाद में प्लान में संशोधन किया गया और बिल्डर को प्रत्येक टॉवर में 40 फ्लोर तक बनाने की अनुमति दी गई थी. मूल योजना के अनुसार जहां गार्डेन था वहीं इस टॉवर का निर्माण किया गया था.
3. इसके बाद 2012 में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी में रहने वाले लोगों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बिल्डिंग को अवैध बताते हुए याचिका दायर की. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि सुपरटेक समूह ने अधिक फ्लैट बेचने और अपने लाभ मार्जिन को बढ़ाने के लिए मानदंडों का उल्लंघन किया. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2014 में, प्राधिकरण को आदेश दायर करने की तारीख से चार महीने के भीतर खुद के खर्च पर टॉवरों को ध्वस्त करने का निर्देश दिया.
4. इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया. पिछले साल अगस्त में कोर्ट ने टॉवर को गिराने के लिए तीन महीने का समय दिया लेकिन तकनीकी दिक्कतों को देखते हुए इसे बढ़ाकर एक साल कर दिया.
5. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के समर्थन और विरोध में होमबॉयर्स द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गईं थीं.
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