डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार नहीं खोलने पर आइसा ने फूंका कुलपति का पुतला ।

 #डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति की वादाखिलाफ़ी व मुख्य द्वार नहीं खोलने के खिलाफ आइसा ने फूंका कुलपति का पुतला ।

21 जून  राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति की वादाखिलाफ़ी व मुख्य द्वार नहीं खोलने के खिलाफ आइसा ने मार्च निकालकर विश्वविद्यालय मुख्य द्वार के सामने कुलपति का पुतला फूंका। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।  इस दौरान आयोजित सभा की अध्यक्षता आइसा प्रखंड अध्यक्ष रौशन कुमार व  संचालन भाकपा-माले प्रखंड सचिव अमित कुमार ने किया। 

   सभा को संबोधित करते हुए भाकपा-माले प्रखंड सचिव अमित कुमार ने कहा कि आंदोलन के दूसरे दिन 15 जून को जब आइसा कार्यकर्ता आंदोलन करने पहुंचे तो आंदोलन स्थल पर विश्वविद्यालय के चार सदस्यीय  पदाधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल वार्ता करने के लिए पहुंचे थे। विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों के साथ वार्ता हुई थी। वार्ता के दौरान 21 जून की सुबह विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार खोलने पर सहमति बनी थी। विवि के पदाधिकारियों के द्वारा कहा गया था कि  21 जून की सुबह विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार को खोल दिया जाएगा। लेकिन आज 21 जून को विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार नहीं खोल कर कुुलपति ने वादाखिलाफ़ी का परिचय दिया । कहा कि कुलपति  के खिलाफ आंदोलन तेज होगा। कल मंगलवार से कुलपति के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत जान घाट के आगे छवनिया मोड़ पर  सड़क पर  प्रदर्शन कर किया जाएगा। 

        कल्याणपुर प्रखंड के माले सचिव दिनेश सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय में कुलपति के इशारे पर दलालों के द्वारा की जा रही धांधली के खिलाफ कल से कल्याणपुर विधानसभा स्तरीय आंदोलन होगा। 

     आइसा प्रखंड अध्यक्ष रौशन कुमार ने कहा कि  कुलपति के द्वारा  विश्वविद्यालय में की गई विभिन्न नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है। उन्होंने 

कुलपति की भ्रष्टाचार से देश-विदेश में अर्जित संपत्ति की जांच की मांग की। माले नेता रविन्द्र सिंह, महेश सिंह, सुरेश कुमार, आइसा नेता सुधांशु कुमार,अभिषेक कुमार, राहुल कुमार,अनमोल कुमार, राजद नेता प्रभात कुमार,राजेश साहनी, पंकज कुमार,विजय कुमार,विश्वजीत कुमार,मोनू कुमार,कांग्रेस नेता मोइनुद्दीन समेत महागठबंधन के कई नेता मौजूद थे। 

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