डीएसपी सड़क किनारे एक भिखारी के पास गए तो दंग रह गएl वो भिखारी उनके ही बैच का ऑफिसर निकला

 कई बार ऐसा होता है कि देखने से तो सामने वाला इंसान भिखारी लगता है लेकिन असलियत कुछ और होती है. मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां डीएसपी सड़क किनारे जब एक भिखारी के पास गए तो दंग रह गए l  भिखारी उनके ही बैच का ऑफिसर निकला


दरअसल, ग्वालियर में उपचुनाव की मतगणना के बाद डीएसपी रत्नेश सिंह तोमर और विजय सिह भदौरिया झांसी रोड से निकल रहे थे. जैसे ही दोनों बंधन वाटिका के फुटपाथ से होकर गुजरे तो उन्हें वहां एक अधेड़ उम्र का भिखारी ठंड से ठिठुरता दिखाई पड़ा. उसे देखकर अफसरों ने गाड़ी रोकी और उससे बात करने पहुंच गए l


इसके बाद दोनों अधिकारियों ने उसकी मदद की. रत्नेश ने अपने जूते और डीएसपी विजय सिंह भदौरिया ने अपनी जैकेट दे दी. इसके बाद जब दोनों ने बातचीत शुरू की तो हतप्रभ रह गए l वह भिखारी डीएसपी के बैच का ही ऑफिसर निकलाl


वह भिखारी के रूप में पिछले 10 सालों से लावारिस हालात में घूम रहा है. वह पुलिस अफसर रहा है. उसका नाम मनीष मिश्रा है. इतना ही नहीं 1999 बैच का वह पुलिस अधिकारी अचूक निशानेबाज था. जानकारी के मुताबिक मनीष मिश्रा एमपी के विभिन्न थानों में थानेदार के रूप में पदस्थ रहे हैंl

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